गौरा रेखाचित्र की मुख्य घटनाओं का क्रमबद्ध उल्लेख करें।
• महादेवीजी अपनी छोटी बहन श्यामा के घर से बछिया लाई।
• परिचायक और परिवारवाले उसे बहूत प्यार करते थे।
• उसका नाम रखा गौरा।
• वह अन्य जीव-जंतुओं से हिल मिल गयी।
• पैर की आहट से वह सबको पहचानती थी।
• एक वर्ष के बाद वह माँ बन गयी।
• दुग्ध-दोहन के समय सभी जीव-जंतु उसके आस-पास बैठते थे।
• दुग्ध-दोहन वहाँ के ग्वाले ने किया।
• कुछ मास के बाद वह दुबली-पतली हो गयी।
• डाक्टरों ने निर्णय किया कि उसके ह्रदय के अंदर एक सूई चुभी हुई है,
इसलिए रक्त संचार रुक गया है।
• वह मरणासन्न स्थिति में थी ।
• ग्वाले ने स्वार्थवश गुड़ के अंदर सुई रखकर गौरा को खिलाया था।
• पता चलते ही ग्वाला अतर्धान हो गया।
• सूई न चुभने के लिए उसको सेब का रस दिया।
• इंजक्शन भी दिया।
• महादेविजी को देखते ही उसकी आँखों में प्रसन्नता आती थी।
• अंत में एक दिन बड़े सबेरे चार बजे महादेवीजी के कंधे पर मुख रखकर वह
मर गई।
• उसका पार्थिव अवशेष गंगा में समर्पित किया।
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